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Monday 8 May 2017

सब कुछ ठीक नहीं हो तो याद रखें ये पांच बातें



 



सब कुछ ठीक नहीं हो तो याद रखें ये पांच बातें
इससे कोई फर्क नहीं पड़ता हैं कि जिंदगी में जो हो रहा हैं वह अच्छा हैं या बुरा। ख़ुशी समस्याओं की गैर मौजूदगी का नाम नहीं हैं, बल्कि समस्याओं से निपटने के सामर्थ्य का नाम हैं। इस बात को देखें की आज आपके पास क्या हैं। इस बात पर नहीं कि आपने क्या खो दिया। अगर सबकुछ ठीक नहीं चल रहा हैं तो उस हालत का सामना करने के लिए ये तरीके काम में लीजिए –
 कठिन समय सिखाता हैं आगे बढ़ने के बारें में।
कभी-कभी जिंदगी पिछले दरवाजे इसलिए बंद कर देती हैं क्योकि यह समय आगे बढ़ने का हैं। यह अच्छा भी हैं क्योकि जब तक हालात दबाव न डालें हम आगे नहीं बढ़ते हैं। जब समय कठिन हो तो याद रखे कोई भी दर्द बिना उद्देश्य के नहीं होता हैं। जिससे चोट लगी, उससे नज़रअंदाज कर दें, लेकिन इससे जो सबक मिला उसे कभी भूलें नहीं। हर सफलता के लिए संघर्ष की जरुरत होती हैं। धैर्य रखें, सकारात्मक रहें। याद रखें दर्द दो तरह के होते हैं – एक जो आपको चोट पहुचता हैं, दूसरा जो आपको बदलता हैं। दोनों ही सिखाते हैं।
 जीवन आस/न नहीं, हँसना बंद न करें

अभी वक्त अच्छा हैं, इसका आनन्द लें। यह सदा नहीं रहेगा। वक्त बुरा हैं, चिंता न करें। यह भी सदा नहीं रहेगा। यह सोचकर हँसना बंद न करें की जीवन आसान नहीं हैं। कोई बात परेशान कर रही हैं तो मुस्कुराना न छोड़ दें। हर पल नई शुरुआत और नया अंत हैं। दूसरा मौका मिलेगा। अगले ही पल। इसे अच्छा बनाने की जरुरत हैं।
 बीते कल की बातें आज बिलकुल न दोहराएं।
कुछ नहीं करना और सफल होने के मुकाबले प्रयास करना और नाकाम होना ज्यादा अच्छा हैं। अगर नाकाम रहे तो सब कुछ ख़त्म नहीं हो गया। अतीत की छाया भविष्य पर मत पड़ने दीजिएं। बीतें कल की आज शिकायत करने से आने वाला कल बेहतर नहीं होगा। बदलाव लायें और पीछे मुड़कर न देखें। सच्ची ख़ुशी तभी आएगी, जब समस्याओं के बारें में शिकायत करना छोड़ देंगे।
बदलाव वही लाएं जो आपको बेहतर बना सके।
जब कोई आपको नीचा दिखाने की कोशिश करे तो मुस्कुराएं। उत्साह और काम में मन लगाए रखने का यह आसान तरीका हैं। आप हर बात को पर्सनली नहीं ले सकते हैं। आपसे कोई कहे कि आप अच्छे नहीं हैं तो उसे प्रभावित करने के लिए खुद में बदलाव न लाएं बदलाव वही लाएं जो आपको बेहतर बनाए।
धैर्य का अर्थ काम के दौरान अच्छा नजरिया अपनाना हैं।
धैर्य का मतलब इंतजार नहीं होता, बल्कि सपनोँ के लिए काम करने के दौरान अच्छा नजरिया रखने की काबिलियत से हैं। इसलिए प्रयास करें तो उसे वक्त भी दें इसका मतलब कुछ पलों के लिए स्थायित्व और चैन खोना हो सकता हैं, लेकिन यह धैर्य रखने से ही ज़ाहिर होगा कि आप जो पाना चाहते हैं, उसके प्रति कितने द्रढ़ हैं अगर द्रढ़ हैं तो नाकामियों के बावजूद काम पूरा होगा धैर्य रखने से हर कदम पर बेहतर महसूस करेंगे लगने लगेगा कि आपकी राह में कोई संघर्ष नहीं हैं।

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